आज रेडियोनामा ने देश की एक ऐसी आवाज़ का ज़िक्र छेड़ किया जो
पूरे देश को अपने जादू से जाने-अनजाने कितने ही घटनाक्रम से की
वाहक रही. देवकीनंदन पाण्डेय की आवाज़ एक अंचल के सुख-दु:ख
को दूसरे अंचल तक पहुँचाने का काम करती रही. जिस समर्पण से
पाण्डेजी अपना काम करते रहे अत: उनके नाम को अक्षुण्ण बनाए
रखने के लिये प्रसार भारती को आकाशवाणी और दूरदर्शन के सैकड़ों
समाचार वाचकों में से किसी एक को प्रतिवर्ष देवकीनंदन पाण्डेय
सम्मान से नवाज़ा जाना चाहिये. इस शुरूआत से पाण्डेयजी जैसा
आदरणीय नाम करोड़ों भारतीयों के दिलोदिमाग़ में अविस्मरणीय तो
बना रहेगा ही साथ ही नई पीढ़ी भी इस स्वर-पितामह के हुनर की
स्मृति अपने मानस में बनाए रखेगी.पाण्डेजी की आवाज़ इरफ़ान
भाई ने यहाँ सहेज रखी है . आशा है आप सभी का समर्थन इस
विचार को मिलेगा.
Wednesday, July 9, 2008
देवकीनंदन पाण्डे के नाम से स्थापित होना चाहिये एक राष्ट्रीय सम्मान.
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2 comments:
बहुत बढ़िया विचार है। हमारे बचपन में आकाशवाणी के समाचार व देवकीनन्दन पाण्डे जी की आवाज एक दूसरे के पर्याय बन गए थे।
घुघूती बासूती
ji bilkul
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