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Tuesday, June 24, 2008

क्या आपके शहर में घुमड़ रहे हैं बादल ? तो सुनिये ये कालजयी रचना.

फ़िल्म दो आँखें बारा हाथ।मन्ना डे और लता मंगेशकर की गायकी का लाजवाब अंदाज़.ये गीत तब भी सुनिये जब आपके शहर में बादल आपको तरसारहे हों और बरस नहीं रहे हों....हो सकता है कि इस गीत के बजने के बाद बरस जाएँ....

3 comments:

Sajeev said...

पता नही क्यों गीत सुन नही पाया....पर आपका ब्लॉग पसंद आया

एक पंक्ति said...

सारथी
तकनीकी व्यवधान के लिये क्षमा करें
अब पुन:ठीक से जारी कर दिया है यह गीत.
एक पंक्ति पर आने और उसे सराहने के लिये
आभार आपका.

एक पंक्ति said...

आपके नाम के आगे जी लगाना रह गया सारथी जी.उम्मीद है अन्यथा न लेंगे.