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Tuesday, July 29, 2008

किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए

रफ़ी के बारे में अल्फ़ाज़ पीछे छूट जाते हैं.
अपने गाने में वे एक ऐसी तस्वीर बना देते हैं
कि लगता गायकी रफ़ी से शुरू होती है और उन्हीं
के साथ ख़त्म हो जाती है.

उनकी २८ वीं बरसी पर संगीतप्रेमियों की
भावपूर्ण श्रध्दांजली.वे ३१ जुलाई १९८० को
इस दुनिया ए फ़ानी से कूच कर गए थे.

2 comments:

Udan Tashtari said...

श्रध्दांजली.

बालकिशन said...

श्रध्दांजली.